पत्र लेखन प्रारूप, प्रकार और युक्तियाँ – आधुनिक तकनीक के आगमन के साथ डाक के माध्यम से पत्रों के आदान-प्रदान ने पिछली सीट ले ली है, लेकिन पत्रों के माध्यम से संवाद करने की शैली अभी भी ईमेल के रूप में बनी हुई है।
इस लेख में, मैं आपके साथ एनसीईआरटी, आईसीएसई, सीबीएसई और 8-12वीं कक्षा के अन्य छात्रों के लिए सरल चरणों में पत्र लिखने का सही तरीका साझा करूंगा।
उपर्युक्त किसी भी परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवार विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक की जांच कर सकते हैं:
किसी विशेष परीक्षा के वर्णनात्मक प्रश्नपत्रों में उम्मीदवारों को पूर्ण अंक प्राप्त करने में मदद करने के लिए, यह लेख पत्र लेखन के प्रकार, पत्र लेखन के प्रारूप और परीक्षा में गुणवत्तापूर्ण पत्र लिखने के लिए कुछ युक्तियों का पता लगाएगा।
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Table of Contents
Overview of Hindi letter writing (हिंदी पत्र लेखन का अवलोकन)
शुरू करने से पहले, आप 2 मिनट में पत्र लेखन प्रारूप सीखने के लिए नीचे दी गई तालिका देखें।
यह आपको बहुत जल्दी सीखने में मदद करेगा
No. | पत्र का भाग | अनौपचारिक पत्र | औपचारिक पत्र |
1 | प्रेषक (पत्र भेजने वाले का नाम व पता) | बाईं तरफ़, ऊपर सबसे | बाईं तरफ़, ऊपर सबसे |
2 | दिनांक | प्रेषक के पते के नीचे | प्रेषक के पते के नीचे |
3 | पत्र प्राप्तकर्ता का नाम/पता, या पद, या कार्यालय | लिफाफे पर नाम और पता | तारीख के नीचे सेवा में, पता, या पद, या कार्यालय |
4 | विषय कम शब्दों में | नहीं लिखा जाता | प्राप्तकर्ता के पते के बाद |
5 | संबोधन | आदरणीय, प्रिय, आदि। | महोदय, श्रीमान, आदि |
6 | अभिवादन | सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, आदि | नहीं लिखा जाता |
7 | पत्र का मुख्य भाग | पहला अनुछेद……. दूसरा अनुच्छेद……. | पहला अनुछेद……. दूसरा अनुच्छेद……. . |
8 | मुख्य भाग की समाप्ति | उत्तर की प्रतीक्षा में | धन्यवाद/आभार |
9 | हस्ताक्षर से पहले शब्दकोश | तुम्हारा हितैषी, आपका बेटा आदि | भवदीय/भवदीया |
10 | हस्ताक्षर | हस्ताक्षर नहीं | हस्ताक्षर |
हिंदी पत्र लेखन के प्रकार(Types of letter writing in Hindi)
पत्र लेखन को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- अनौपचारिक पत्र
- औपचारिक पत्र
परीक्षा में उम्मीदवारों को ऊपर वर्णित किसी भी प्रकार पर 150- 200 शब्द का पत्र लिखने के लिए कहा जा सकता है। आइए दोनों प्रकार के अक्षरों को विस्तार से समझते हैं।
1.) अनौपचारिक पत्र लेखन हिंदी (Informal Letter writing in Hindi)
अनौपचारिक पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है। इस प्रकार के पत्र आमतौर पर रिश्तेदारों, परिवार, दोस्तों या परिचितों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों के लिखने का कोई ठोस कारण हो भी सकता है और नहीं भी।
अनौपचारिक पत्र लिखने का उद्देश्य एक व्यक्तिगत संस्मरण बनाना है। इसे किसी औपचारिकता का पालन करने या किसी निर्धारित पैटर्न का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
अनौपचारिक पत्र प्रारूप (Informal letter format in Hindi)
- प्रेषक परिचय और पता- ऊपर बाईं ओर पत्र भेजने वाले (प्रेषक) का नाम व पता लिखा जाता है।
- दिनांक——
- विषय- ——
- संबोधन- जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है|
- अभिवादन- जिस को पत्र लिखा जा रहा है उसके संबंध मैं(जैसे सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार)
- मुख्य विषय- मुख्य विषय को मुख्यतः तीन अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए।
पहला अनुछेद :“हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।”————-
दूसरा अनुच्छेद :———————–
तीसरा अनुछेद: जैसे कि- “मेरी तरफ से बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद व प्यार आदि”।
- समाप्ति- जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि”।
(1) अपने से बड़े आदरणीय संबंधियों के लिए-
- प्रशस्ति – आदरणीय, पूजनीय, पूज्य, श्रद्धेय आदि।
- अभिवादन – सादर प्रणाम, सादर चरणस्पर्श, सादर नमस्कार आदि।
- समाप्ति – आपका बेटा, पोता, नाती, बेटी, पोती, नातिन, भतीजा आदि।
(2) अपने से छोटों या बराबर वालों के लिए-
- प्रशस्ति – प्रिय, चिरंजीव, प्यारे, प्रिय मित्र आदि।
- अभिवादन – मधुर स्मृतियाँ, सदा खुश रहो, सुखी रहो, आशीर्वाद आदि।
- समाप्ति – तुम्हारा, तुम्हारा मित्र, तुम्हारा हितैषी, तुम्हारा शुभचिंतक आदि।
उदाहरण 1 .स्वास्थ्य खराब होने के कारण 2 दिन के अवकाश की प्रार्थना करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखें
परीक्षा भवन
सेवा में,
प्रधानाचार्य ,
सरस्वती पब्लिक स्कूल ,
नवाबी रोड , दिल्ली
दिनांक : XX जनवरी XX20
विषय : अवकाश प्राप्ति हेतु पत्र
श्रीमान ,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा 5 का छात्र हूं। महोदय कल शाम से मुझे तेज बुखार और खाँसी हो रही है। और मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा हैं। जिस कारण में अगले 2 दिन तक स्कूल में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा।अत: मुझे 2 दिन का अवकाश चाहिए।
अतः महोदय से निवेदन है कि आप मुझे दिनांक 10 जनवरी 2020 से 12 जनवरी 2020 तक दो दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा कीजिए ।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
क.ख.ग.
उदाहरण 2 .बड़ी बहन के विवाह हेतु एक सप्ताह के अवकाश की प्रार्थना करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखेंपरीक्षा भवन
सेवा में ,
प्रधानाचार्य ,
शिवालिक पब्लिक स्कूल
देहरादून
दिनांक : XX मार्च XX20
विषय : अवकाश प्राप्ति हेतु पत्र
श्रीमान ,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं आपके विद्यालय मैं दसवीं का छात्र हूं। महोदय अगले सप्ताह मेरी बड़ी बहन का विवाह होना जा रहा है।अत: मुझे एक सप्ताह का अवकाश चाहिए।
महोदय आशा है आप मुझे दिनांक 20 मार्च 2020 से 27 मार्च 2000 20 तक का अवकाश प्रदान करने की कृपा करेंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
क.ख.ग.
2.) औपचारिक पत्र लेखन प्रारूप/विधि(Formal Letters writing in Hindi)
एक निश्चित औपचारिकता और निर्धारित पैटर्न का पालन करने वाले पत्र औपचारिक पत्र हैं। इस तरह के पत्र सटीक होते हैं, सीधे संबंधित मुद्दे को संबोधित करते हैं और पूरी तरह से पेशेवर प्रकृति के होते हैं।
अगर आप पढ़कर थक गए हैं। तो, यह प्रेरित होने का समय है:- प्रेरक उद्धरण पढ़ें
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औपचारिक पत्र छोटे और बिंदु तक होते हैं। औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आने वाले विभिन्न प्रकार के पत्र हैं –
- सरकारी पत्र (Official Formal Letter)
- कार्यालय पत्र (Office Formal Letter)
- ज्ञापन (Memorandum)
- अर्ध सरकारी पत्र (Demi Official Letter)
- कार्यालय आदेश (Office Order)
- अनुस्मारक (Remainder)
- अधिसूचना (Notification Letter)
औपचारिक पत्र प्रारूप:-
(1) ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता/दिनांक लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
(2) विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है,
(3) संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया/माननीय/नाम आदि शब्दों का प्रयोग करें।
(4) विषय-वस्तु– इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
पहला अनुच्छेद – “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
(5) हस्ताक्षर व नाम– धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
(6) प्रेषक का पता– शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
(7) दिनांक।
कार्यालयी-पत्र का प्रारूप-(Office Letter writing format in Hindi)
सेवा में,
प्रबंधक/अध्यक्ष (प्रश्नानुसार),
कार्यालय
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
समाप्ति (धन्यवाद/आभार)
भवदीय/भवदीया
(नाम,पता,फोन नम्बर)
व्यवसायिक-पत्र का प्रारूप-
Example: सेम्पल से भिन्न मॉल भेजने की शिकायत संबंदी पत्र
सेवा में,
क० ख० ग० लिमिटेड
पता………….
दिनांक………….
विषय- (पत्र लिखने के कारण)।
महोदय,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
धन्यवाद|
भवदीय/भवदीया
हस्ताक्षर……
प्रबंधक…
(प्रकाशन pvt ltd)
अर्ध सरकारी पत्र (Demi Official Letter in Hindi)
पत्र संख्या –—-
गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड कॉमर्स
पता………….
दिनांक – —–
श्री. नीलेश कुमार
प्रमुख सचिव,
डायरेक्टरेट ऑफ़ एजुकेशन
नीलिश जी,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
आपका
रामदास केलेकर
श्री. नीलेश कुमार
कार्यालय आदेश पत्र (Office Order Letter in Hindi)
Example of Office Order in Hindi
क्रमांक——-
सामाजिक कल्याण कार्यालय
पता………….
दिनांक – —–
कार्यालय आदेश
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
प्रतिमा शिंदे
सचिव
सामाजिक कल्याण
सर्कुलर या परिपर पत्र (Circular letter writing in Hindi)
सुचना व प्रसारण मंत्रालय
भारत सरकार (नई दिल्ली)
प्रेषक,
आरोही पाटिल
अवर सचिव, भारत सरकार
सेवा में,
निदेशक
दूरदर्शन
नई दिल्ली
दिनांक – —–
विषय- प्रसारण समय के सम्बन्ध में
महोदय,
पहला अनुच्छेद ………………….
दूसरा अनुच्छेद ………………….
इसे आवश्यक समझकर तुरंत कार्यवाही करे।
आपकी विश्वसनीय
आरोही पाटिल
अवर सचिव, भारत सरकार
औपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें (Tips for formal letter writing in hindi)-
- औपचारिक-पत्र लेखन नियमों में बंधे हुए होते हैं।
- इस प्रकार के पत्रों में भाषा का प्रयोग करते समय बहुत ही सावधानी रखनी पड़ती है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशल-मंगल समाचार आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।
- जब आप पत्र लिख रहे हों तो ध्यान रखें कि आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
- पत्र की भाषा सदैव सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
- यदि आप विद्यार्थी है और कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र का प्रारूप लिख रहे हैं, तो अपने वास्त्विक नाम और पता के स्थान पर क० ख० ग०, विद्यालय का नाम लिखना चाहिए।
- औपचारिक पत्र(Formal letter) को एक पृष्ठ में ही लिखकर समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे पत्र के विषय की तारतम्यता/लयबद्धता बनी रहे।
- प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।
उदाहरण 1.
अपने मोहल्ले में बिजली संकट बढ़ने हेतु बिजली अभियंता को पत्र लिखें।
परीक्षा भवन
सेवा में,
मुख्य अभियंता,
बिजली विभाग , नैनीताल रोड
अल्मोड़ा
दिनांक : ——–
विषय : मोहल्ले में बिजली संकट बढ़ने हेतु
श्रीमान ,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं विकास नगर ,गली नंबर-17 , अल्मोड़ा में रहता हूं। महोदय हमारे मोहल्ले में कुछ समय से लगातार बिजली की समस्या चली आ रही है। दिन में कई-कई घंटे बिजली नहीं रहती है और कई बार तो रात भर भी बिजली नहीं आती हैं। गर्मी भी लगातार बढ़ती जा रही हैं जिस कारण लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं।
महोदय मैं खुद दसवीं क्लास का छात्र हूं और अगले महीने से मेरी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। बिजली ना होने के कारण मैं ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहा हूं।और मेरे मोहल्ले में मेरे जैसे अनेक बच्चे हैं जिनकी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं।
अतः महोदय से विनम्र निवेदन है कि जल्दी से जल्दी अपने किसी लाइनमैन को भेजकर हमारे मोहल्ले की बिजली की लाइन को ठीक करने की कृपा करें। ताकि मैं और मेरे जैसे अनेक बच्चे अपनी बोर्ड की परीक्षा की तैयारी आराम से कर सकें।
धन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग.
विकासनगर , अल्मोड़ा
उदाहरण 2.
विद्यालय में अधिक खेल सामग्री मंगवाने के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन
सेवा में ,
प्रधानाचार्य ,
केंद्रीय विद्यालय पूरनपुर ,
नई दिल्ली
दिनांक : XX जुलाई XXXX
विषय :खेल सामग्री मगांने हेतु
श्रीमान ,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि हमारी क्रिकेट टीम अगले महीने होने वाले जिला स्तरीय क्रिकेट मैच में भाग लेने जा रही है। और हमारा पूरा प्रयास यह है कि जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में हमारी टीम प्रथम स्थान प्राप्त करें। लेकिन महोदय हमारे खिलाड़ियों के पास क्रिकेट से संबंधित पर्याप्त सामग्री उपलब्ध नहीं है जिस कारण हम प्रतियोगिता के लिए अच्छी तरह से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं।
अतः महोदय से निवेदन है कि जितनी जल्दी संभव हो , हमें खेल सामग्री उपलब्ध कराने की कृपा करें। ताकि हम इस जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने स्कूल को गौरवानित कर सकें ।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
क.ख.ग.
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पत्र लेखन(Letter Writing for Competitive Exams)
पत्र लेखन एक जटिल कार्य है क्योंकि इसमें सावधानीपूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। फिर भी, उम्मीदवार अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं यदि वे इस बारे में सावधान रहें कि क्या लिखा जा रहा है।
परीक्षक की दृष्टि से पत्र लेखन का लक्ष्य उम्मीदवारों के लेखन कौशल का विश्लेषण है, लेकिन उम्मीदवार के दृष्टिकोण से पत्र लेखन का उद्देश्य होना चाहिए –
- पत्र को दो पक्षों के बीच संचार की खाई को भरना चाहिए
- इसे एक संदेश भेजना चाहिए और एक भावना व्यक्त करनी चाहिए
- इसे प्राप्तकर्ता के मन में जागरूकता पैदा करनी चाहिए और विचार को उत्तेजित करना चाहिए
लिखे गए प्रत्येक अक्षर के अपने प्रकार के आधार पर अलग-अलग उद्देश्य हो सकते हैं। तो, पहले हम पत्र लेखन के प्रकारों को समझते हैं।
एसएससी परीक्षा, बैंक परीक्षा, आरआरबी परीक्षा, या अन्य सरकारी परीक्षाओं में उम्मीदवारों को उनके लेखन कौशल का आकलन करने के लिए वर्णनात्मक पत्रों में एक पत्र लिखने के लिए कहा जाता है।
अच्छे पत्र लेखन के लिए महत्वपूर्ण टिप्स
- प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को परीक्षा में एक अच्छा पत्र लिखने और अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए सुझावों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- उम्मीदवारों को यह पहचानने में सक्षम होना चाहिए कि वे किस प्रकार के पत्र लिखेंगे। उदाहरण के लिए: प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर छुट्टी माँगना एक औपचारिक पत्र है, लेकिन लंबे समय के बाद प्रधानाध्यापक को पत्र लिखना एक अनौपचारिक पत्र होगा।
- अक्षरों को खोलना और बंद करना सही तरीके से होना चाहिए। औपचारिक पत्र पेशेवर तरीके से खुलने और बंद होने चाहिए जबकि अनौपचारिक पत्र सीधे अभिवादन वाले व्यक्ति को संबोधित किए जा सकते हैं। पत्रों को बंद करना भी महत्वपूर्ण है। औपचारिक पत्र हमेशा सम्मानपूर्वक और अवैयक्तिक रूप से समाप्त होते हैं, जबकि अनौपचारिक पत्र अधिक व्यक्तिगत स्पर्श के साथ समाप्त हो सकते हैं।
- औपचारिक पत्रों में, पत्र के उद्देश्य को तुरंत स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है। औपचारिक पत्र लिखने वाले उम्मीदवारों को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर पहुंचना सुनिश्चित करना चाहिए।
- एक पत्र को हमेशा विचारशील और विनम्र माना जाता है। औपचारिक या अनौपचारिक सभी प्रकार के पत्रों में विनम्र शब्दों और नागरिक भाषा का प्रयोग आवश्यक है। भले ही पत्र किसी शिकायत के बारे में हो, बिंदु को सावधानीपूर्वक और विनम्र तरीके से बनाया जाना चाहिए।
- पत्र की लंबाई भी प्रासंगिकता रखती है। औपचारिक पत्रों में, मामले को सटीक और संक्षिप्त रूप में व्यक्त किया जाना चाहिए, जबकि व्यक्तिगत या अनौपचारिक पत्र की लंबाई संदेश और प्राप्तकर्ता के संबंध पर निर्भर करती है।
Frequently Asked Question- For Letter Writing Format in Hindi
प्रश्न 1. पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर। मोटे तौर पर पत्र दो प्रकार के होते हैं – औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र लेकिन पत्रों का वर्गीकरण भी सामग्री, औपचारिकताओं, पत्र लेखन के उद्देश्य आदि पर आधारित होता है।
प्रश्न २. औपचारिक पत्र क्या होते हैं?
उत्तर। औपचारिक पत्रों को एक निश्चित औपचारिकता और निर्धारित पैटर्न का पालन करने की आवश्यकता होती है। इस तरह के पत्र सटीक होते हैं, सीधे संबंधित मुद्दे को संबोधित करते हैं और पूरी तरह से पेशेवर प्रकृति के होते हैं।
प्रश्न ३. औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर। विभिन्न प्रकार के पत्र जो औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं जैसे व्यावसायिक पत्र, आधिकारिक पत्र, सामाजिक पत्र, परिपत्र पत्र, रोजगार पत्र।
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